श्रीअरविन्द की दृष्टि में आध्यात्मिक कर्म का वैज्ञानिक निरूपण
श्री अरविन्द का जीवन एक कर्मयोगी की तरह रहा। उन्होंने साहित्य के माध्यम से समाज को अमूल्य निधि प्रदान की। उनका दृष्टिकोण पूर्णतः वैज्ञानिक था। श्री अरविन्द आंतरिक एवं बहिर्मुख दोनों तरह के कर्मों की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए भगवत् कर्म को महत्ता देते थे। बाह्य जगत् को मनुष्य तभी जान सकता है जब वह...
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Format: | Book |
Published: |
Dr. Chinmay Pandya,
2017-01-01T00:00:00Z.
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